स्टैंड अप इंडिया योजना:
स्टैंड अप इंडिया योजना (Stand Up India Scheme) भारतीय सरकार द्वारा 2016 में शुरू की गई एक पहल है, जिसका उद्देश्य अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST) और महिला उद्यमियों को अपनी व्यापारिक गतिविधियां शुरू करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को आत्मनिर्भर बनाना और उन्हें उद्यमिता के क्षेत्र में अवसर प्रदान करना है। इसी के साथ आपकी जानकारी के लिए बता दें, कि इस योजना के द्वारा कम से कम एक अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं महिला को बैंक सहायता दी जाएगी। यदि व्यवसाय गैर व्यक्तिगत है तो उसमें 51% शेयर धारिता महिला /अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति वाले व्यक्ति के पास होनी चाहिए। तभी गैर व्यक्तिगत उद्यम को स्टैंड अप इंडिया योजना का लाभ प्राप्त होगा।
स्टैंड अप इंडिया योजना के मुख्य उद्देश्य:
- स्व-रोजगार को बढ़ावा देना: योजना का उद्देश्य अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और महिला उद्यमियों को अपना व्यवसाय शुरू करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना है।
- अर्थव्यवस्था में सुधार: इस योजना से देश में छोटे और मध्यम उद्योगों का विकास हो सकेगा, जिससे रोजगार के अवसर पैदा होंगे और स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा।
- लक्ष्य समूह को सशक्त बनाना: यह योजना आर्थिक रूप से कमजोर और हाशिए पर रहने वाले समुदायों को सशक्त बनाने के लिए बनाई गई है, ताकि वे अपने सपनों को साकार कर सकें।
स्टैंड अप इंडिया योजना की प्रमुख विशेषताएँ:
लोन राशि
इस योजना के तहत, अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST) और महिला उद्यमियों को 10 लाख रुपये से 1 करोड़ रुपये तक का ऋण प्रदान किया जाता है। यह ऋण बैंक से लिया जा सकता है, जो व्यापार स्थापित करने के लिए आवश्यक वित्तीय सहायता प्रदान करता है।
लोन का उद्देश्य
यह ऋण नये व्यवसाय, उद्योग, सेवा, उत्पाद या कृषि संबंधी उद्यम स्थापित करने के लिए दिया जाता है।
ब्याज दर
ऋण पर ब्याज दर बैंक की नीतियों और RBI के दिशानिर्देशों के अनुसार होती है। सामान्यत: यह ऋण योजनाएं बाजार दर से थोड़ी कम ब्याज दर पर उपलब्ध होती हैं।
ऋण की अवधि
ऋण का पुनर्भुगतान 7 वर्ष में किया जा सकता है, जिसमें 18 महीने तक की मोहलत (ग्रेस पीरियड) भी मिल सकती है।
किसे मिलेगा लाभ
- महिला उद्यमी : महिला उद्यमियों को विशेष रूप से इस योजना के तहत ऋण दिया जाता है, ताकि वे अपना व्यवसाय शुरू कर सकें।
- SC/ST उद्यमी : अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) समुदाय के लोग भी इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।
ऋण प्राप्त करने की प्रक्रिया:
- आवेदक को एक बैंक में ऋण के लिए आवेदन करना होगा।
- बैंक आवेदक के व्यवसाय प्रस्ताव और योजना का मूल्यांकन करेंगे और उनकी पात्रता के आधार पर ऋण प्रदान करेंगे।
- इस योजना के तहत सरकारी बैंक और कुछ चयनित निजी बैंकों द्वारा ऋण उपलब्ध कराया जाता है।
सहायता की प्रक्रिया:
- बैंक ऋण देने से पहले, आवेदक को अपने व्यवसाय योजना (business plan) को प्रस्तुत करना होता है।
- सरकार ने इस योजना के तहत प्रशिक्षण और मार्गदर्शन की व्यवस्था भी की है, ताकि आवेदक अपनी उद्यमिता को बेहतर तरीके से चला सकें।
स्टैंड अप इंडिया योजना के फायदे:
- आत्मनिर्भरता: यह योजना उद्यमियों को स्वयं का व्यवसाय स्थापित करने के लिए प्रेरित करती है, जिससे उन्हें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनने का अवसर मिलता है।
- रोजगार सृजन: नए उद्योगों और व्यवसायों के माध्यम से रोजगार के अवसर पैदा होते हैं।
- वित्तीय सहायता: योजना के तहत मिलने वाली वित्तीय सहायता से उद्यमी आसानी से अपनी व्यावसायिक यात्रा शुरू कर सकते हैं।
- सामाजिक सशक्तिकरण: इस योजना का उद्देश्य महिलाओं और अनुसूचित जाति/जनजाति समुदायों को समाज में समान अवसर और सशक्तिकरण प्रदान करना है।
कौन-कौन इस योजना का लाभ उठा सकते हैं?
- महिला उद्यमी: महिला उद्यमी जो व्यवसाय शुरू करना चाहती हैं, वे इस योजना के पात्र होंगी।
- अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) समुदाय के लोग: इन समुदायों के लोग भी स्टैंड अप इंडिया योजना के तहत ऋण प्राप्त कर सकते हैं।

FAQs:
क्या कोई विशेष प्रकार के व्यवसाय के लिए ऋण मिलेगा?
इस योजना के तहत ऋण मुख्य रूप से छोटे व्यवसाय, सेवा क्षेत्र, और उत्पाद संबंधित उद्यमों के लिए दिया जाता है।
क्या इस योजना के तहत सरकार से कोई सब्सिडी मिलती है?
सरकार द्वारा इस योजना में विशेष सब्सिडी नहीं दी जाती, लेकिन बैंक ऋण पर कम ब्याज दरें और कुछ अन्य सहूलतें दी जाती हैं।
क्या स्टैंड अप इंडिया योजना में कोई गारंटी जरूरी है?
हां, ऋण के लिए बैंकों द्वारा गारंटी की आवश्यकता हो सकती है, और इसमें सहायक संस्थाओं की मदद भी मिल सकती है।
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