अटल पेंशन योजना (Atal Pension Yojana – APY) भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक पेंशन योजना है, जिसका उद्देश्य असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले लोगों को वृद्धावस्था में आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना है। इस योजना को मई 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लॉन्च किया गया था। इस योजना के माध्यम से सरकार उन लोगों को पेंशन का लाभ देने का प्रयास कर रही है, जिनके पास वृद्धावस्था में नियमित आय का कोई अन्य साधन नहीं है।
इस योजना में शामिल होने के लिए 18 से 40 वर्ष की उम्र जरुरी है। अटल पेंशन योजना में आपको 60 वर्ष की उम्र तक प्रीमियम की राशि जमा करनी होगी। इसके बाद आपको न्यूनतम 1000 रूपये ओर अधिकतम 5000 रूपये मासिक पेंशन दी जाएगी। अटल पेंशन योजना आपके लिए बुढ़ापे का सहारा बनेगी। आप अटल पेंशन योजना का सब्सक्रिप्शन आसानी से ले सकते है।आपके पास केवल बैंक में खाता होना चाहिए। आप अपने बैंक पर जाकर वहा से एक आवेदन फॉर्म भरकर इसे शुरू कर सकते है।
अटल पेंशन योजना पात्रता:
- योजना में 18 से 40 वर्ष की आयु के भारतीय नागरिक शामिल हो सकते हैं।
- आवेदक का एक बैंक खाता होना आवश्यक है।
- पहले से किसी सरकारी पेंशन योजना में शामिल व्यक्ति APY के लिए पात्र नहीं हैं।
योगदान और पेंशन राशि:
- APY के तहत, ग्राहक को 1,000 रुपये से लेकर 5,000 रुपये प्रति माह तक की पेंशन राशि मिलती है।
- पेंशन की राशि योगदान राशि और ग्राहक की आयु पर निर्भर करती है। जितनी जल्दी योजना में शामिल होंगे, मासिक योगदान उतना ही कम होगा।
- पेंशन की गारंटी 60 वर्ष की उम्र के बाद शुरू होती है।
सरकारी योगदान:
- सरकार 2015 से 2020 के बीच योजना में शामिल हुए ग्राहकों के लिए 5 वर्षों तक, उनके वार्षिक योगदान का 50% या अधिकतम 1,000 रुपये प्रति वर्ष का योगदान देती थी।
- यह लाभ अब नए पंजीकरण पर उपलब्ध नहीं है। हालांकि पुराने लाभार्थी जिन्होंने इस अवधि में पंजीकरण किया था, वे अपने निर्धारित समय के लिए इस सरकारी योगदान का लाभ उठा सकते हैं।
योजना का संचालन:
- अटल पेंशन योजना को पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) द्वारा संचालित किया जाता है।
- इस योजना को नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) के तर्ज पर चलाया जा रहा है।
निकासी प्रक्रिया:
- 60 वर्ष की उम्र के बाद, ग्राहक को मासिक पेंशन मिलने लगती है।
- असामयिक मृत्यु के मामले में, ग्राहक के नॉमिनी को पेंशन राशि दी जाती है।
कर लाभ:
अटल पेंशन योजना में योगदान करने पर आयकर में छूट भी प्राप्त होती है, जो कि आयकर अधिनियम की धारा 80CCD के अंतर्गत आती है।
कैसे आवेदन करें?
- कोई भी इच्छुक व्यक्ति नजदीकी बैंक शाखा या पोस्ट ऑफिस में जाकर अटल पेंशन योजना के लिए आवेदन कर सकता है।
- फॉर्म भरने और आधार कार्ड जैसे दस्तावेज़ जमा करने के बाद बैंक खाते से ऑटो-डेबिट के माध्यम से योगदान राशि कट जाएगी।
यह योजना आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को पेंशन सुविधा प्रदान कर, उनके भविष्य को सुरक्षित करने में सहायक है।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल :
अटल पेंशन योजना क्या है?
अटल पेंशन योजना (APY) एक सरकारी पेंशन योजना है, जिसका उद्देश्य असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले लोगों को वृद्धावस्था में आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना है। इसमें 60 वर्ष की उम्र के बाद मासिक पेंशन प्राप्त होती है।
इस योजना में कौन शामिल हो सकता है?
18 से 40 वर्ष की आयु का कोई भी भारतीय नागरिक, जिसके पास बैंक खाता है, इस योजना में शामिल हो सकता है। योजना में सरकारी कर्मचारी और आयकर दाता शामिल नहीं हो सकते।
अटल पेंशन योजना में पेंशन राशि कितनी होती है?
इस योजना के अंतर्गत पेंशन राशि 1,000 रुपये से लेकर 5,000 रुपये प्रति माह तक होती है, जो लाभार्थी द्वारा योजना में किए गए योगदान पर निर्भर करती है।
योजना में योगदान कैसे करना होता है?
योजना में योगदान हर महीने लाभार्थी के बैंक खाते से ऑटो-डेबिट सुविधा के माध्यम से काटा जाता है। यह योगदान राशि लाभार्थी की आयु और चुनी गई पेंशन राशि पर निर्भर करती है।
योजना में पेंशन कब शुरू होती है?
योजना में पेंशन 60 वर्ष की उम्र में शुरू होती है। इसके बाद लाभार्थी को चुनी गई राशि के अनुसार मासिक पेंशन मिलती है।
क्या सरकार भी इसमें योगदान करती है?
2015 से 2020 के बीच पंजीकृत लाभार्थियों को 5 साल तक सरकार उनके वार्षिक योगदान का 50% या अधिकतम 1,000 रुपये तक का योगदान देती थी। वर्तमान में नए पंजीकरण पर यह सुविधा उपलब्ध नहीं है।
क्या अटल पेंशन योजना में टैक्स लाभ मिलता है?
हां, इस योजना में किए गए योगदान पर आयकर अधिनियम की धारा 80CCD के तहत कर छूट मिलती है।
अगर मैं 60 वर्ष की उम्र से पहले योजना बंद करना चाहूं तो क्या होगा?
केवल गंभीर बीमारियों या लाभार्थी की मृत्यु के मामलों में योजना से निकासी की अनुमति है। सामान्य परिस्थितियों में 60 वर्ष से पहले योजना से बाहर नहीं निकला जा सकता।
अगर लाभार्थी की मृत्यु हो जाती है, तो पेंशन किसे मिलेगी?
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